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जन सहकारी डिग्री महाविद्यालय बराप गडहनी मे घोटाले का मामला उजागर, विश्वविद्यालय प्रशासन जानबूझकर बना हुआ अंजान, लगभग एक करोड़ रुपए के घोटाले पर क्षेत्रीय विधायक ने लिया संज्ञान

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लगभग एक करोड़ रुपए के घोटाले पर क्षेत्रीय विधायक ने लिया संज्ञान

आरा। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के क्षेत्रांतर्गत जन सहकारी डिग्री कॉलेज बराप (गड़हनी) भोजपुर में गत वर्षो से हो रही वित्तीय लूटपाट पर अगीआंव विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिवप्रकाश रंजन ने संज्ञान लेते हुए बताया कि गत वर्षो से महाविद्यालय राजनीति एवं गुटबाजी का शिकार हो गया है।इसी क्रम में पिछले माह में महाविद्यालय के कुछ शिक्षक/शिक्षकेतर कर्मचारियों ने बताया था कि दिनांक 09/05/2024 को विश्वविद्यालय द्वारा पदमुक्त किए गए प्रभारी संजय कुमार राय एवं सचिव डॉ. राजू मोची द्वारा गत माहों से घोर वित्तीय लूट पाट एवं अन्य अनियमितताएं की जा रही है जिसके संबंध में महाविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष मनोज मंजिल द्वारा भी वित्तीय अनियमितता संबंधी सूचना विश्वविद्यालय प्रशासन को दी थी परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उक्त मामले पर कोई कार्रवाई नहीं किया गया है।क्षेत्रीय विधायक होने के नाते महाविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष श्री मनोज मंजिल द्वारा किए गए पत्राचारों पर संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा कुलपति महोदय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा को त्वरित कार्रवाई करने हेतु एक पत्र दिनांक 05/07/2024 को प्रेषित किया गया था परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं किया गया है ? वर्तमान समय में महाविद्यालय कर्मियों ने यह भी बताया कि जब विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा संजय कुमार राय को अयोग्य शिक्षक पाते हुए दिनांक 09/05/2024 को पदमुक्त कर दिया गया है और सचिव डॉ.राजू मोची का भी कार्यकाल दिनांक 31/05/2024 को समाप्त हो गया था तब किस परिस्थिति में श्री राय एवं सचिव द्वारा महाविद्यालय बैंक खाते का संचालन आज तक किया जा रहा है साथ ही कर्मियों ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निर्गत आदेशों की अवहेलना करते हुए महाविद्यालय के वर्तमान अध्यक्ष जीवन कुमार द्वारा वरीय शिक्षक को महाविद्यालय का प्रभार न देकर कनीय शिक्षकों का एक पांच सदस्यीय समिति का निर्माण किया गया जो कि असंवैधानिक है। वर्तमान अध्यक्ष द्वारा गठित कमीटी के द्वारा महाविद्यालय के खजानों का एक सोची समझी सडयंत्र के तहत लूट-पाट एवं बंदरबाट किया जा रहा है। अब तक उस लूट-पाट को रोकने के लिए कोई कानूनी कदम नहीं उठाया गया,ऐसा लगता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के सह पर अवैध रूप से गठित कमिटी द्वारा मिलीभगत कर पब्लिक मनी की लूट की गई है । आश्चर्य की बात है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पदमुक्त किये गए प्रभारी श्री संजय कुमार राय(अयोग्य शिक्षक) आजतक अपने को प्रभारी प्राचार्य मानते हुए महाविद्यालय में घोर अराजकता एवं भ्रस्टाचार का अड्डा कायम किये हुए हैं। यदि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा तत्काल प्रभाव से कानूनी कार्रवाई नहीं किया जाता है तो बाध्य होकर विश्वविद्यालय प्रशासन एवं महाविधालय प्रशासन के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी साथ ही नवंबर 2023 से लेकर जुलाई 2024 तक लगभग एक करोड़ रुपये का अवैध निकासी किया गया है जिसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।

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